तुम मुझे नही भूले तो
हम तुम्हे भी नही भूले
भूलना
कब्र पर मिट्टी डालने जैसा होता है
तुम्हारी यादों से सुबह होती है मेरी
और
उसी भीनी-भीनी खुश्बू में
डूब जाती है शामें मेरी
दिन के उजाले में
दुनिया मायावी लगती है
लेकिन रात के अंधरे में
मुरझाया गुलाब
एक तेरे न होने से साथ मेरे
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज