बेटी कल विदा होंगी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
बेटी कल विदा होंगी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 13 मार्च 2019

बेटी कल विदा होंगी

Related image
बेटी 
कल विदा होगी 

आज जश्न का माहौल हैं 
और ठुमक-ठुमककर नाँच रहा हैं 
बंदरवाला नाँच
हरकोई 

हर कोई 
इस बात से अनभिज्ञ हैं 
कल विदा होंगी 
बेटी 
ऐसे शहर को 
जिसे पर्यटक के तरह भी नही घुमा हैं 
उसने 

कि कैसे बंद करके रख ली हैं आँसू 
अपने पर्श में 
कोई खंगालना भी नही चाहता 
कि उसमे कितना दर्द हैं 
बेगाने शहर को रुखसत होने से पहले 
सिसकते हुए 

मैंने देखा था उसे 
खिड़की से बाहर तांकते हुए 
शून्य में 

आखिर उसे शून्य से ही शुरुआत करनी होंगी 
रिश्ते-नाते 
घर-परिवार 
यहाँतक कि जिन्दगी भी 

बेटी 
कल विदा होंगी
और हँसनेवाले भी रोयेंगे 
बेवजह 

जबकि वजह तो 
नई बहुरिया को तलाशनी होंगी.

कविता - रवीन्द्र भारद्वाज

चित्र - गूगल से साभार 

सोचता हूँ..

सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो  बहार होती बेरुत भी  सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना  ज्यादा मायने नही रखता यार !  यादों का भी साथ बहुत होता...