बुधवार, 22 दिसंबर 2021

प्यार क्या है !

तुमसे 
मिलकर
बिछड़कर
जाना 
प्यार क्या है !

प्यार 
एक हवा का झोंका हैं 
जो आता है और चला जाता हैं 
पलक झपकते

- रवीन्द्र भारद्वाज

गुरुवार, 16 दिसंबर 2021

वृद्ध आदमी और नदी

 वृद्ध आदमी 
अपना अतीत देखता है 
पानी की रवानी संग 
बहता हुआ 

दरअसल
अपने लंगोटिया यारों को 
यही फूक-तापकर 
अस्थियां 
बहाई थी उसने
कभी 
इसी पानी में 

जाने कब भेंट होगा 
उनसे 
यही सोच रहा है 
वृद्ध आदमी
एकटक पानी की रवानी को देखता हुआ।

- रवीन्द्र भारद्वाज

ऐ जिंदगी !

कभी शिकायत थी तुमसे

ऐ जिंदगी !

अब नही है...


जीने का जुनून था 

कुछ कर गुजरना खून में था

तकलीफ भी कम तकलीफ देती थी 

तब।


अब

अपने पराये को 

ताक पर रखकर जीते हैं

जबसे 

डसा हैं 

तुमनें 

अपना भी बनाकर

और पराया भी बनाकर...


कभी प्रणय भी था 

ऐ जिंदगी !

तुमसे।


- रवीन्द्र भारद्वाज

सोचता हूँ..

सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो  बहार होती बेरुत भी  सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना  ज्यादा मायने नही रखता यार !  यादों का भी साथ बहुत होता...