समझ में नही आया.. लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
समझ में नही आया.. लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 12 दिसंबर 2018

समझ में नही आया..

Art by Ravindra Bhardvaj
मेरा अस्त 
जबरन किया तुमने.


तुम्हारे अलावा था ही कौन 

मुझे समझनेवाला.


मेरा प्यार कि तेरा प्यार 

समझ में नही आया.. 
एक तरफा था 
कि दो तरफा. 
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज 

सोचता हूँ..

सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो  बहार होती बेरुत भी  सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना  ज्यादा मायने नही रखता यार !  यादों का भी साथ बहुत होता...