शनिवार, 28 सितंबर 2019

उसने कहा था

वह मुझसे अब बोलती नही

राज़ को राज़ रखती है 
भूले से भी, राज़ को खोलती नही 

उसने कहा था - 
हम तुमसे बेहद प्यार करते है 

करती तो थी 
लेकिन हकीकत में नही 
मुझे तो अब ऐसा ही लगता है 

- रवीन्द्र भारद्वाज


सोमवार, 16 सितंबर 2019

अफसोस कि

अफसोस कि तुम मुझे हारते देखते रहे 

सबसे पहले तुमने ही हराया था मुझे
अपनी दूरियों के जाल को मुझपर फेककर

और जमाना तो हार का मोहताज नही 
वो तो जीत का ही जश्न मनाता फिरता है

किसीको हारते देखना
और खुद हारना 
दो अलग बातें है 

अगले को देखकर गुस्सा आता है
और खुदपर तो बहुत गुस्सा।

रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज


गुरुवार, 5 सितंबर 2019

विदा लेते वक्त

विदा लेते वक्त 
उसके आँखों मे आँसू थे 

पत्थर का ह्दय उसका 
शायद पिघल कर मोम हो गया था 

उससे मैं भीड़ में मिला था 
और भीड़ में ही उसे खोते देखा 

देखा - 
अपने प्यार का नामोनिशान तक मिट गया था 
और हवा हल्की हो गयी थी

रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज

सोचता हूँ..

सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो  बहार होती बेरुत भी  सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना  ज्यादा मायने नही रखता यार !  यादों का भी साथ बहुत होता...