तेरी याद लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
तेरी याद लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

गुरुवार, 31 जनवरी 2019

तेरी याद


1.
तेरी याद क्या हैं ?
एक झूठा दिलासा दिलाता हुआ 
साँझ हैं 

साँझ को 
रात में 
रात को 
सुबह में 
तब्दील हो जाना हैं 


2.
तेरी याद 
चौक पर लहराता 
केशरिया ध्वज हैं 
जब भी मैं सर उठाता हूँ 
जेहन में लहराने लगती हो तुम 


3.
वैसे यादें बहुत खुबसुरत होती हैं 
पर सपना भी तो होता हैं खुबसुरत 

लेकिन सपना का सच होना नामुमकिन हो शायद 
पर यादें सच्ची होती हैं 
और ईमानदार भी.
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज 

सोचता हूँ..

सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो  बहार होती बेरुत भी  सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना  ज्यादा मायने नही रखता यार !  यादों का भी साथ बहुत होता...