गुरुवार, 31 जनवरी 2019

तेरी याद


1.
तेरी याद क्या हैं ?
एक झूठा दिलासा दिलाता हुआ 
साँझ हैं 

साँझ को 
रात में 
रात को 
सुबह में 
तब्दील हो जाना हैं 


2.
तेरी याद 
चौक पर लहराता 
केशरिया ध्वज हैं 
जब भी मैं सर उठाता हूँ 
जेहन में लहराने लगती हो तुम 


3.
वैसे यादें बहुत खुबसुरत होती हैं 
पर सपना भी तो होता हैं खुबसुरत 

लेकिन सपना का सच होना नामुमकिन हो शायद 
पर यादें सच्ची होती हैं 
और ईमानदार भी.
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज 

16 टिप्‍पणियां:

  1. तेरी याद क्या हैं ?
    एक झूठा दिलासा दिलाता हुआ
    साँझ हैं
    खूबसूरत मन की खूबसूरत अभिव्यक्ति । बहुत-बहुत बधाई आदरणीय रवीन्द्र जी। शुभकामनाएं ।

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  2. 2.
    तेरी याद
    चौक पर लहराता
    केशरिया ध्वज हैं
    जब भी मैं सर उठाता हूँ
    जेहन में लहराने लगती हो तुम. ..बहुत सुन्दर आदरणीय
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ख़ूब आदरणीय, बेहद उम्दा भाव संप्रेषण

    जवाब देंहटाएं
  4. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    ४ फरवरी २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जी सहृदय आभार.......इस रचना को "पांच लिंकों का आनन्द में" साझा करने के लिए

      हटाएं
  5. बहुत सुन्दर...
    पर यादें सच्ची होती हैं
    और ईमानदार भी.

    जवाब देंहटाएं

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सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो  बहार होती बेरुत भी  सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना  ज्यादा मायने नही रखता यार !  यादों का भी साथ बहुत होता...