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शुक्रवार, 29 मार्च 2019

सबका हश्र बुरा होता हैं प्यार में

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तिनका जितना 
रखना 
ग़वारा न समझा 
उसने 
मुझे 
अपनी जिन्दगी में 

जानता हूँ 
सबका हश्र बुरा होता हैं 
प्यार में 
मेरा भी हुआ 
अब बात पते की लगने लगी हैं 

प्यार पर बनी फ़िल्में भी 
नायक और नायिका के 
बुरे हश्र की गाथा गाती नजर आती हैं 
ज्यादातर 

असल में 
प्यार उतना भी बुरा नहीं 
जितना हमने माना हैं 
समझा हैं 
जाना हैं 

लेकिन उसने ये मानकर बहुत बड़ी गलती की 
कि
प्यार हैं बस थोथी कल्पना 

कविता - रवीन्द्र भारद्वाज

चित्र - गूगल से साभार 


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