शुक्रवार, 23 अगस्त 2019

कन्हैया ! तुम भूले राधा को !

कन्हैया ! तुम भूले राधा को !
लेकिन 
राधा 
तुम्हे अबभी याद करती है 

उसने पीर समझी 
अपनी 
तुम्हरी
सिर्फ इसलिए तुम्हे माफ करती है

तुम माफी के लायक तो नही 
लेकिन सृष्टि-रचिया के नाते 
तुमपर कोई इल्जाम नही !

कविता - रवीन्द्र भारद्वाज

चित्र - गूगल से साभार

7 टिप्‍पणियां:

  1. एक कडवा सच लिख दिया आपने रविन्द्र जी | सार्थक रचना | श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें |

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  2. जी सह्दय आभार आपका सादर 🙏
    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की अशेष शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  3. सचमुच कटु सत्य.....बहुत खूब
    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जी सह्दय आभार आपका सादर 🙏
      जी आपको भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की अनन्त शुभकामनाएं

      हटाएं

  4. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (25-08-2019) को "मेक इन इंडिया " (चर्चा अंक- 3438) पर भी होगी।


    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

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  5. बहुत सुंदर सृजन है रविन्द्र जी।

    जवाब देंहटाएं

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