अब जो आये हो
इतने करीब
न जाना दूर
कभी।
कभी
हमसे अलग होने का ख्याल
न लाना
दिल में।
क्योंकि
इश्क़ होने में
मुद्दत लगता है
और बिछड़ने में
घड़ी भर का समय।
~ रवीन्द्र भारद्वाज
प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.
सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो बहार होती बेरुत भी सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना ज्यादा मायने नही रखता यार ! यादों का भी साथ बहुत होता...