तूने रास्ते बदले
कसमे तोड़े
वादों को ताक पर रखा मेरे
जबसे तुम्हे मिल गया कोई
कोई मुझसे ज्यादा तुम्हे चाहने लगा
यकीन नही होता
याद करो
मैने तुम्हे जीना सिखाया था
हजार नाउम्मीदी में
हँसना सिखाया
तुम्हारे बेहिसाब हालातो के गरीबी में
मै हर मोड़ पर जिंदगी के तुम्हारे
कवच जैसे खड़ा रहा
दुनिया के जहरीले तीरो और बरछी से बचाने के लिए
तुम्हे
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज