शनिवार, 16 मई 2020

वो जहाँ भी रहे

वो जहाँ भी रहे 
खुश रहे 

क्योंकि
जबतक मैं उसके प्यार मे था 
अंधेरे में भी उजाला नजर आता था 

क्योंकि
जबतक मुझे उसका इंतजार था 
तबतक उम्मीद नजर आती था

क्योंकि
जबतक वो दहलीज़ों को लांघती रही 
कुछ कर गुजरने का जज्बा था 
इस दिल के अंदर

इस दिल के अंदर आखिर
उसके प्यार का समंदर 
मचलता था 

अनायास ही छलक भी जाता था 
उसके प्यार का समंदर

खैर, वो जहाँ भी रहे
खुश रहे

~ रवीन्द्र भारद्वाज


शुक्रवार, 6 मार्च 2020

किसीका इंतजार करना

तेरे संग जो पल गुजरा 
वो कैद है अबभी
इस दिल मे 

इस दिल मे 
अबभी बजती है शहनाई
तुम्हारे प्रीत की 

हाँ, तुम लौटे नही फिर 
वरना एहसास तुमको भी हो जाता
कि काँटो पर चलने जैसा होता है 
किसीका इंतजार करना।

-- रवीन्द्र भारद्वाज --

शनिवार, 1 फ़रवरी 2020

मुझे आश्चर्य होता है

मुझे आश्चर्य होता है
तुम्हारे चाँद से चेहरे को देखकर

मुझे आश्चर्य होता है
तुम जब परियों सरीखे बाल बनाती हो 

मुझे आश्चर्य होता है 
उसदिन 
जिसदिन तुम नही आते हो 
कि क्यों फीका-फीका सा लगता है सबकुछ

रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज

बुधवार, 22 जनवरी 2020

हम तुमसे प्रेम जारी रख सकते है

तुम्हारे गाँव से उड़ते आ रहे पंछी
गोधूलि बेला
मन को सहसा याद दिलाये कि
तमाम पाबन्दियों के बावजूद
हम तुमसे प्रेम जारी रख सकते है

हम तुम्हारे आसमान में
इन्ही पंछी सरीखे
उड़ सकते है

उड़ते रहे है आखिर
एक सदी तक

एक सदी के बाद ही
बदला है वही सब
जो बदलाव तुम देखना चाहती थी।

रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज

रविवार, 29 दिसंबर 2019

एकबार कहा होता


एकबार कहा होता
'मुझे जाना है 
तुम्हे छोड़कर..'

तो मैं तुम्हे जाने देता 
बड़े शौक से

लेकिन 
तुम तो बिना कुछ बताये चल दिए 
आसमान को 
छूने 

जबकि मैं तो तुम्हारा पहाड़ था न 

- रवीन्द्र भारद्वाज

गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

तुम होते तो..

तुम होते तो 
एक अलग सा मौसम होता है
फ़िजा में

नदियाँ नाचती
और पेड़ झूमते 

आसमान कुछ कहता 
और धरती बहुत कुछ सुनती


- रवीन्द्र भारद्वाज

गुरुवार, 19 दिसंबर 2019

आखिर, क्यों !

तुमने मुझसे वो मांगा 
जो मैं दे नही सकता था
फिरभी दिया

मेरा सबकुछ लेने के बाद 
लौटना भूल गई 

कभी याद दिलाया तो 
तुमको बहुत गुस्सा आया

आखिर, क्यों !


- रवीन्द्र भारद्वाज

सोचता हूँ..

सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो  बहार होती बेरुत भी  सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना  ज्यादा मायने नही रखता यार !  यादों का भी साथ बहुत होता...