गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

तुम होते तो..

तुम होते तो 
एक अलग सा मौसम होता है
फ़िजा में

नदियाँ नाचती
और पेड़ झूमते 

आसमान कुछ कहता 
और धरती बहुत कुछ सुनती


- रवीन्द्र भारद्वाज

2 टिप्‍पणियां:

सोचता हूँ..

सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो  बहार होती बेरुत भी  सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना  ज्यादा मायने नही रखता यार !  यादों का भी साथ बहुत होता...