प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.
शुक्रवार, 3 मई 2019
बुधवार, 1 मई 2019
मैं ही मैं नही
तुम्हें भूला सकना
मेरे वश में नही
नही है
मौत भी
मुकम्मल अभी
रस्ते घर गलियाँ
गुजरती है
तुझमें से ही
मुझमे
लगता है
बस मैं ही मैं नही
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज
मंगलवार, 30 अप्रैल 2019
सोमवार, 29 अप्रैल 2019
रविवार, 28 अप्रैल 2019
शुक्रवार, 26 अप्रैल 2019
बुधवार, 24 अप्रैल 2019
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
सोचता हूँ..
सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो बहार होती बेरुत भी सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना ज्यादा मायने नही रखता यार ! यादों का भी साथ बहुत होता...
-
कभी शिकायत थी तुमसे ऐ जिंदगी ! अब नही है... जीने का जुनून था कुछ कर गुजरना खून में था तकलीफ भी कम तकलीफ देती थी तब। अब अपने पराये को ताक ...
-
मुझे बादलों के उस पार जाना है तुम चलोगी क्या ! साथ मेरे मुझे वहाँ आशियाँ बनाना है हाथ बटाओगी क्या ! मेरा वहाँ.. अगर चलती तो साथ मिलकर ब...
-
तेरे चुप रहने से मेरा मन संशय में रहता हैं होंठो पर जब नही खिंचती हँसी की लकीर सोचता हूँ कि कुछ तो गलत कर दिया हैं मैंने। मैं हमेशा तुम्ह...