रविवार, 28 अप्रैल 2019

दर्द भरा सफ़र

वो मेरे बिन अकेली होगी 

मैं उसके बिन अकेला हो गया हूँ न 

हमे चाँद पर जाना था मगर 
इससे पहले कि हम आसमान में चढ़ते 
हमारे नीचे की जमीन 
हमारे अपनों ने खींच ली 

बड़ा दर्द भरा सफ़र
रहा 
बिछड़ने के बाद का 

रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज

1 टिप्पणी:

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