प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.
रविवार, 27 जनवरी 2019
शनिवार, 26 जनवरी 2019
ताजमहल सबसे प्यारा हैं !
बिजली जब कड़कती हैं
बादल जब गरजता हैं
ऐसे आलम में
तुम्हारी बाहों के झूले पर
लेटकर
तुमसे बतियाँने को जी चाहता हैं
जी चाहता हैं
तुम्हारी बखान किये बगैर
मैं चुप ना होऊ
कभी
लाख चुप कराने पर भी तुम्हारे
वायलिन सा
रह-रहके बजता ये संगीत
आकाश और धरती की आबोहवा में
डरावना तो हैं तनिक पर
ध्यान से सुनने पर
बहुत मधुर लगने लगा हैं
सफेद रस्सियों सी
गिर रही हैं
बुँदे
देखो
वो आईना हैं हमारा !
मैं
तुम
और ये दुनिया
तीनो पर
कोई नियम, क़ानून लागू नही होते
हाल-फ़िलहाल
मैं सागर में कूद पडू
गोखागोर बनके
और बेसकिमती मोती लाऊ
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे लिए
मैं अंतरिक्ष यान बन
पुरे ब्रह्मांड का चक्कर लगाना भूलकर
चाँद, तारे तोड़ लाऊ
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे लिए
मैं हवा बन
पूरी पृथ्वी का सरपट सैर कर
तुम्हे बताऊ
ताजमहल सबसे प्यारा हैं !
- रवीन्द्र भारद्वाज
चित्र गूगल से साभार
शुक्रवार, 25 जनवरी 2019
गुरुवार, 24 जनवरी 2019
जब मैं अवसाद में होता हूँ
जब मैं अवसाद में होता हूँ
कविता सृजता हूँ
तुम्हे मालूम पडूंगा मैं भला-चंगा
पर मेरी कविताएँ
बांचके
सोचना-
कैसे जी लेता हूँ मैं
तुम्हे खोकर
तुम्हारे लिए रोकर
बेवजह
अवसाद
वो खाई
जिसमे बलिष्ठ से बलिष्ठ ख्वाहिशों
को
दम तोड़ देना हैं यु ही
अवसाद को सहकर जीना बहुत हिम्मत का
काम होता हैं मेरे दोस्त !
अवसाद
गले तक कसी रस्सी हैं
जो जबरन आत्महत्या करवाना चाहता हैं
मेरा या फिर तुम्हारा
फिरभी
मेरी कविताएँ
तुम्हे पराजित करती
मुझे जीना का सलीका बताती, सिखाती
चलती हैं मेरे साथ
- रवीन्द्र भारद्वाज
चित्र गूगल से साभार
बुधवार, 23 जनवरी 2019
उसे भी प्यार हुआ.
उसके नैनो का तीर
मेरे ह्दय के पार हुआ.
मुझे भी प्यार हुआ
और उसे भी प्यार हुआ.
मुझे खोये रहने दो सपनो में
बहुत सच्चा लगता हैं ये व्यापार हुआ.
न सुनाओ अखबार की खबरे कि
यहाँ बलात्कार, वहाँ कत्ल सरेआम हुआ.
मुझे उससे राब्ता उसे मुझसे
अब क्या कहे तुम्हे 'गुरुदेव' प्यार हुआ.
रेखाचित्र व ग़ज़ल - रवीन्द्र भारद्वाज
गुरुदेव - यह उपनाम हैं मेरा, मित्र सम्बोधित करते हैं
मंगलवार, 22 जनवरी 2019
रविवार, 20 जनवरी 2019
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