प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.
बुधवार, 2 जनवरी 2019
मंगलवार, 1 जनवरी 2019
आगामी वर्ष की शुभकामनाएं !
Art by Ravindra Bhardvaj |
एक
तुम्हे रुकना होता तो
रुक गये होते मेरे घर
आलमारी में
तहा के
करीने से
रख दिए होते अपना वस्त्र
अब देर हो चुकी है
और तुम नही लौटोगीं
मेरा खैर-खबर लेने
पेड़
पगडंडी
खेत
और तालाब
अपने गाँव से
निकाले हुए लगते हैं
ठीक मेरी तरह
दो
इस साल की विदाई हो रही है
आगामी वर्ष में
कुछ
-बहुत कुछ अच्छा होने का कयास लगा रहा
है हरकोई
हरकोई कही न कही खुश हैं
तिनके जितना
पर अपनी व्यथा तुमसे क्या कहू
जिसे सुनना था वो बुझना ही नही चाहता
फिरभी
आगामी वर्ष की शुभकामनाए !
आप सभी को
और तुमको भी प्रिये !
सहृदय..
-रवीन्द्र भारद्वाज
सोमवार, 31 दिसंबर 2018
रविवार, 30 दिसंबर 2018
शनिवार, 29 दिसंबर 2018
शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018
चलता चल..!
Art by Ravindra Bhardvaj |
जलता चल !
मेरे-तेरे भाग्य का फैसला
करेगा वो ऊपर वाला ही !
तू अपनी ही मति से
नदी की गति सी बहा कर !
ठहरना
खरगोश को पड़ता है
कछुआ सा चाल
चलता चल..!
सूरज
सुबह का इन्तजार करता है
चाँद
रात का
इन्तजार करता रह
तुम्हारे उदय में अभी समय शेष है
चल
अपने गन्तव्य पर
चलता चल..!
- रवीन्द्र भारद्वाज
गुरुवार, 27 दिसंबर 2018
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