उसे
मुझसे ही प्यार था
भले न कह सकी वो
मुझसे
उसकी बातों में दम था
मैंने सोचकर सारी बातें
यही निष्कर्ष निकाला हैं
मेरे बाद उसका क्या होंगा
यही बात दिन-रात खटकती थी
लेकिन
अब सबकुछ रफूचक्कर हो चुका हैं
जबसे निर्णय किया उसने
न लौटने का
मेरे जीवन में
फिर से
कविता - रवीन्द्र भारद्वाज
चित्र - गूगल से साभार
बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंजी सहृदय आभार आदरणीया
हटाएंहृदय स्पर्शी रचना..👌👌
जवाब देंहटाएंजी सहृदय आभार आदरणीया
हटाएंसुन्दर
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