जो होना होता हैं
वो कैसे भी होता हैं
और जो नहीं होना होता हैं
वो कैसे भी नही होता हैं
लेकिन
जो करना होता हैं
कर लेना चाहिए
एक आध बार
तकदीर से लड़ लेना चाहिए
ताकि कोई कसर ना रह जाये कल को
कहने में
अरे.....हमने तो......
कविता - रवीन्द्र भारद्वाज
चित्र - गूगल से साभार
बेहतरीन और मर्म स्पर्शी कविता
जवाब देंहटाएंअत्यंत आभार आदरणीय
हटाएंबहुत सुन्दर हृदयस्पर्शी सृजन ।
जवाब देंहटाएंजी बहुत-बहुत आभार आदरणीया
हटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंजी बहुत-बहुत आभार आदरणीया
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