गुरुवार, 11 जुलाई 2019

बारिश में भीगने से डरते है लोग

जिंदा है हम मगर
जिंदादिली से नही जीते है जिंदगी

गाँव मे सूखा पड़ता है
शहर फिरभी हरा रहता है

हम इन्द्र की पूजा-उपासना करते है ताकि वर्षा हो 
जबकि शहरो में बारिश में भीगने से डरते है लोग।

कविता - रवीन्द्र भारद्वाज

चित्र - गूगल से साभार


3 टिप्‍पणियां:

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