प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.
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सोचता हूँ..
सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो बहार होती बेरुत भी सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना ज्यादा मायने नही रखता यार ! यादों का भी साथ बहुत होता...
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कभी शिकायत थी तुमसे ऐ जिंदगी ! अब नही है... जीने का जुनून था कुछ कर गुजरना खून में था तकलीफ भी कम तकलीफ देती थी तब। अब अपने पराये को ताक ...
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तेरे चुप रहने से मेरा मन संशय में रहता हैं होंठो पर जब नही खिंचती हँसी की लकीर सोचता हूँ कि कुछ तो गलत कर दिया हैं मैंने। मैं हमेशा तुम्ह...
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मुझे बादलों के उस पार जाना है तुम चलोगी क्या ! साथ मेरे मुझे वहाँ आशियाँ बनाना है हाथ बटाओगी क्या ! मेरा वहाँ.. अगर चलती तो साथ मिलकर ब...
जज़्बा-ए-इश्क़ सलामत है तो इंशाअल्लाह,
जवाब देंहटाएंकच्चे धागे में चले आएँगे, सरकार बंधे.
बहुत खूब........
हटाएंह्दयतल से आभार आदरणीय
सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय सादर
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