ये फलक, ये जमीं
कुछ नहीं
कुछ नहीं
बगैर तुम्हारे
बगैर तुम्हारे
हवा में शोख़ी नही
मदिरा मदहोश करती नही
चुभती हैं बातें
बातें जो दिल से निकलती नहीं
ये फलक, ये जमीं
कुछ नहीं
कुछ नहीं
बगैर तुम्हारे
गीत - रवीन्द्र भारद्वाज
चित्र - गूगल से साभार
बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंअत्यंत आभार आदरणीया
हटाएंये फलक, ये जमीं
जवाब देंहटाएंकुछ नहीं
कुछ नहीं
बगैर तुम्हारे.... बेहतरीन आदरणीय
सादर
ह्दयतल से आभार
हटाएंसादर
बहुत ही खूबसूरत अल्फाजों में पिरोया है आपने इसे... बेहतरीन
जवाब देंहटाएंअत्यंत आभार..... आदरणीय
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