एक तरफ़ा सफ़र मैंने तय किया
प्यार में
था भरोसा
एकदिन प्यार हो जायेगां तुम्हें
मेरे प्यार पर
और हम साथ-साथ चलेंगें
लेकिन नही
हुआ
मेरा सोचा
कहते भी हैं लोग
कि सोचा सच नहीं होता कभी
मैंने सहस्रों कविताएँ रच डाली
चित्र भी
पर शायद इतना काफी न था
मेरी सृजनशीलता
कविता - रवीन्द्र भारद्वाज
चित्र - गूगल से साभार
ये प्रेम की अदा है ... प्रेमी का काम हार मानना नहीं ...
जवाब देंहटाएं....बहुत खूब.....मैं तो ये भूल ही गया था ..प्रेमी का काम हार मानना नहीं ...
हटाएंस्मरण कराने के लिए ........अत्यंत आभार .....आदरणीय
कमाल की रचनाएँ होती है आप की आदरणीय
जवाब देंहटाएंसादर
जी बहुत-बहुत आभार.....आदरणीया
हटाएंसादर
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 22 फरवरी 2019 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएं"पांच लिंकों का आनन्द में" इस रचना को साझा करने के लिए आभार...... जी सादर
हटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंजी बहुत-बहुत आभार... आदरणीया
हटाएंकविता इतनी जिंदा है कि उसकी हर धड़कन सुनाई दे रही है...
जवाब देंहटाएंसह्दय आभार ....आदरणीय
हटाएंआपके कमाल की प्रतिक्रिया पढ़कर अनन्त हर्ष की अनुभूति होती हैं
सादर
सुन्दर
जवाब देंहटाएंआभार .....आदरणीय सादर
हटाएंमैंने सहस्रों कविताएँ रच डाली
जवाब देंहटाएंचित्र भी
पर शायद इतना काफी न था
मेरी सृजनशीलता
बहुत ही लाजवाब प्रेम से ओतप्रोत
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती.....
..कोशिश करने वालों की हार नहीं होती.....जी बिल्कुल सत्य !
हटाएंप्रोत्साहित करने के लिए
अत्यंत आभार..... आदरणीया।
किसी ने कहा है एक तरफ़ा प्यार की ताकत ही कुछ और होती है बहुत खूब... सादर नमन
जवाब देंहटाएं.........सच कहा है
हटाएंजी बहुत-बहुत आभार.....