बुधवार, 30 जनवरी 2019

न चाहते हुए भी

न चाहते हुए भी 
मैं उससे प्रेम कर रहा हूँ 

न चाहते हुए भी 
मैं उसका इंतजार कर रहा हूँ 

हालांकि 
वो हाथ छुड़ा जबरन 
चल दी थी 
मुद्दत पहले. 

पर न जाने क्यू
अबभी मुझे लगता हैं कि
वो रातों में सोती नही होगी 
ठीक से .

और रोती होगी 
जब-जब उसके छातीं में 
मेरी यादो की ख़ुशबू समाती होंगी.
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज

7 टिप्‍पणियां:

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