गूगल से साभार |
कही कोई बात तो हैं
जो मुझे सोने नही देती ठीक से
गाँव में
डर समा गया हैं
कोई किसीका हालचाल लेने से भी कतराता हैं
जबसे हरखू का
घर जला हैं
भय की आग में जल रहा हैं हरकोई
किसने जलाया
क्यों जलाया
ये हरखू को भी नही पता
उड़ती-उड़ती बात सुनी हैं
हरखू की बेटी शादी लायक हो चुकी हैं
और वह दिन-रात एक करके
एक-एक पैसा जोड़ रहा था
उसे ब्याहने के लिए
लेकिन चौधरी का बेटा
सूना हैं घूरता रहता हैं उसको बहुत
शायद यही कारण पर्याप्त हैं
उसका घर जल जाने के लिए|
- रवीन्द्र भारद्वाज
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