सोमवार, 8 अक्तूबर 2018

प्यार हो जाता है

मुझे नही मालूम
तुम्हारे साथ क्या करना है
प्यार करना है
या बस दिल्लगी..

फिरभी तुम्हे तो मालूम होगा न
प्यार किया नही जाता है
हो जाता है.
- रवीन्द्र भारद्वाज


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

सोचता हूँ..

सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो  बहार होती बेरुत भी  सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना  ज्यादा मायने नही रखता यार !  यादों का भी साथ बहुत होता...