प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.
रविवार, 13 जनवरी 2019
शनिवार, 12 जनवरी 2019
शुक्रवार, 11 जनवरी 2019
उम्र रफ़्ता-रफ़्ता गुजरती रही
उम्र रफ़्ता-रफ़्ता गुजरती रही
सुध न था
बेसुध हो
चलता रहा..
यहाँ-वहाँ
मिली ठोकरे हजार
पर दिल सम्हलता रहा
जैसे लगा हो ठोकर
अभी तो पहली बार.
तुमसे मिलकर
मेरी दुनिया ही बदल गई
लगा
जीने लगा हूँ
भूलकर बातें तमाम.
वो वक्त था खुशनुमां
तो ये वक्त भी नही बुरा
सोचकर
तेरी यादो के कारवाँ संग गुजरता रहा..
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज
गुरुवार, 10 जनवरी 2019
बुधवार, 9 जनवरी 2019
मंगलवार, 8 जनवरी 2019
आधी रात गये
![]() |
Art by Ravindra Bhardvaj |
एक
आधी रात गये
आधी उम्र गयी
बात कुछ बनी नहीं
बात कुछ बिगड़ी भी नहीं
वो मेरे पास
मैं उसके पास
दो
बड़ा ही खुबसुरत भरम होता हैं
तू अबभी मेरे लिए रोता हैं
जबकि वो जमाने उड़ते चले गये
क्षितिज की ओर
तुम्हारी ओढ़नी की तरह
मैं भी उड़ता था कभी
तुम्हारे आगे-पीछे
अब सामना
होना
दुर्गम जान पड़ता हैं
बरस पर बरस बीत रहे हैं
हम खुद में तुमको ढूढ़ रहे हैं
यह कैसी खोज हैं
कि मिलकर भी
खुद मे
तुमसे
जैसे मिलना ही नही चाहता हूँ मैं तुमसे.
तीन
वो
हवा का झोंका
पुरबा
पछुआ
उसे आते ही
चले जाना हैं
खाब
याद
एहसास
बनकर.
- रवीन्द्र भारद्वाज
रविवार, 6 जनवरी 2019
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