Art by Ravindra Bhardvaj |
प्यार का आशियाँ
पंछी के घोंसले जैसा होता हैं
हरकोई बहुरुपियाँ होता हैं
जब चढ़े नजर में किसीके
उजाड़ जाता हैं
पता नही कौन-सी ख़ुशी मिलती हैं उनको
पता नही किस प्रयोजन से नष्ट करता हैं
हरकोई
प्यार का आशियाँ
ऐ प्यार के आशियाँ नष्ट करनेवालों !
जिसदिन तुम्हारा मन हो
बताना जरुर
क्यों ?
- रवीन्द्र भारद्वाज
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