Art by Ravindra Bhardvaj |
तुम्हारे साथ होने का एहसास होता है
जब हवा रुक जाती है
तुम्हारे गुम हो जाने का एहसास होता है
जब-जब गुजरता हूँ
गाँव के इकलौते पुराने पीपल के पेड़ के नीचे से
तुम्हारे गुनगुनाने का आवाज़ सुनता हूँ
हवा
और समय
तुम्हारे मीत है
जब चाहो भेज देती हो
जब चाहो बुला लेती हो.
- रवीन्द्र भारद्वाज
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