रविवार, 18 नवंबर 2018

हम साथ है तुम्हारे !


यार !
हम साथ है 
तुम्हारे 

चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यू ना हो 
सामने 

हम साथ-साथ लड़ेंगे 
और आगे बढ़ेगे.. 

लोगो के लिए ना सही 
पर एक-दुसरे के लिए 
हम बढ़ते चलेंगे 
मुश्किलों और मुसीबतों के आंधी को चिरते हुए..
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज 

शुक्रवार, 16 नवंबर 2018

कसम से


कहीं से पुकार लो
व्याकुल है ये नैना
तेरी आवाज़ का चेहरा देखने को

फिर कहीं दिखो तो
पास बुला
'कैसे हो' पूछना ना भूलना

यादो से गजब का नाता है
अगर वो रुलायी अभी
तो अगले ही पल हसाँ देगी

कुछ ऐसे ही नाता
तुमसे है
कसम से
मैं नही जी पाया
तुमको खुदसे अलग करके

कसम से..
रेखाचित्र व कविता -रवींद्र भारद्वाज

गुरुवार, 15 नवंबर 2018

हमे मिलना ही था !


हम मुद्दत बाद मिले 
बस इसलिए कि
हमे मिलना ही था 

कही ना कही प्यार 
तुम्हारे ह्दय में भी था 
मेरे लिए 
कम से कम एक कटोरे दूध जितना 

लाओ पिला दो 
इश्क 
उतना ही 
कि होश ना रहे हमे 
कम से कम इक उम्र तक.
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज 

बुधवार, 14 नवंबर 2018

Stop !


Stop !
I wanna ask something..
Something like favour of you
Please show mercy at me
Please

Don't go ahead
Leaving me alone
Because I love you.. very much
And without your attention
I can't live peacefully

So..
Stop !

Please hug me
I am very lonely
You know this
Betterly..
Sketch and Poetry - Ravindra Bhardvaj 

मंगलवार, 13 नवंबर 2018

वक्त-वक्त की बात है..


वक्त-वक्त की बात है..

कभी तुम अपने थे
अभी पराये हो

संगमरमर का बदन था
चेहरा गुलमोहर सा लाल था

लचक कमर की
टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडी थी.
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज


सोमवार, 12 नवंबर 2018

कि..


मै रोयी
कि बेपरवाह हू 
उससे 

मै खोयी 
हौले-हौले 
उसे 
कि उसे यकीन न आये 
(कुछ खोने का)

इल्म ना पाये इसका कि
मै जुदा होना चाहती हू 

कि..
ये इश्क बड़ा ही बेदर्दी से पेश आता है मुझसे.
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज 

रविवार, 11 नवंबर 2018

तुम मिलते नही तो


हम तन्हाईओ में
तुझे ढूढ़ते रहे

हम रुशवाईयों में
तुझे पुकारते रहे


तुम मिलते नही तो
अफसानां ना बना होता
कोई

कोई दर्द भी न होता
इतना बेदर्द.
रेखाचित्र व कविता -रवीन्द्र भारद्वाज 

सोचता हूँ..

सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो  बहार होती बेरुत भी  सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना  ज्यादा मायने नही रखता यार !  यादों का भी साथ बहुत होता...