प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.
बुधवार, 10 अप्रैल 2019
मंगलवार, 9 अप्रैल 2019
मुझे तेरी चाहत की कसम
मुझे तेरी चाहत की कसम
जबतक जिऊंगा
तुम्हारे इश्क़ में जिऊंगा
मुझे किसकी परवाह किसकी फ़िक्र
जबतक ना मौत आये
तुम्हे अपने सीने से लगाने के लिए
तकदीर से लडूंगा
मानांकि
मेरा कोई हक नही बनता तुमपर
पर तुम्हे छोड़ दू
ये सोचकर
कि मेरे गैर तुम्हारे अपने तुम्हारा ख्याल रखेंगे
ऐसी बातों पर मुझे विश्वास नही तनिक
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज
सोमवार, 8 अप्रैल 2019
शनिवार, 6 अप्रैल 2019
इन कजरारी आँखों ने - 1
बड़े ही संगीन जुर्म को अंजाम दिया
तुम्हारी इन कजरारी आँखों ने
पहले तो नेह के समन्दर छलकते थे इनसे
पर अब नफरत के ज्वार उठते हैं इनमे
मुझे दीखते
मुझे दीखते
ये तुम्हारी कजरारी आँखें
जंगल में लगी आग की तरह
फैलाती है
बेचैनी
मुझमें
मैं कहाँ चला जाऊ
कि इनसे सामना ना हो कभी
यही सोचता रहता हूँ ..
समझ से परे है यारों को भी समझा पाना
कि डाकूओं की टोली आती हो जैसे
दिन-दहाड़े
मुझे लूटने
हाँ, तुम्हारी ही ये कजरारी आँखें !
जबकि मेरे पास कुछ भी नही बचा
फिरभी
-रवीन्द्र भारद्वाज
शुक्रवार, 5 अप्रैल 2019
गुरुवार, 4 अप्रैल 2019
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