सोमवार, 22 अक्टूबर 2018

''Don't Try..!"


If you try to find someone
You will definitely loose her soon

If you don't try to find her 
She will live 
With you
Some days
At least, in your remember !
Sketch and Poetry - Ravindra Bhardvaj 

रविवार, 21 अक्टूबर 2018

पराया ही समझती हो !


मुझे 
तुमसे नही लड़ना 

उलझना भी नही 

मुझे 
तुमसे कुछ नही कहना 

मुझे 
तुम्हारा एकभी बात नही सुनना 

आखिर 
तुम पराया ही समझती हो मुझे !
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज 

शनिवार, 20 अक्टूबर 2018

यकीं नही होता


तुम तन्हा हो 
यकीं नही होता..

क्योंकि तुम बेपरवाह हो चुकी हो 
मेरी यादो 
और मुझसे.
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज 

शुक्रवार, 19 अक्टूबर 2018

तुम नही बताओगी !


दिल से 
दुआ निकलती है 
तुम्हारे लिए 

होठो पे 
शब्द ठहरते है 
बस प्यार के 

तुम नही समझोगी 
मै क्या चाहता हू..

तुम नही बताओगी 
कि तुम क्या चाहती हो..
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज 

गुरुवार, 18 अक्टूबर 2018

तू नदी थी !



तू नदी थी
साफ़-सुथरी
शीतल

पाप मेरे सारे
धूल गये
तुममे


क्या तुममे अबभी मेरा अंश है कोई
मै पूछता रहता हू
कतारों में खड़े पेड़ो और पौधे से.

सब
चुप है..

क्यू ?

आखिर क्यू !
कोई कुछ नही बोलता
तुम्हारे बारे में
कि तुम कहाँ रहती हो..
कैसी हो..
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज

बुधवार, 17 अक्टूबर 2018

तेरा मुखड़ा



अँधेरे में
तेरा मुखड़ा, चमकता है
चाँद जैसे

मै देख भी नही पाता
जी-भरके
कि अचानक से
गुम हो जाता है
तेरा चाँद का मुखड़ा
अँधेरे में.
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज 

मंगलवार, 16 अक्टूबर 2018

बेवजह




ढेर सारी बाते 
की हमने 

तू रूठ गयी फिरभी 
मै टूट गया बेवजह 

बेवजह 
परेशान होता जा रहा हू मै
इनदिनों.
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज

सोचता हूँ..

सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो  बहार होती बेरुत भी  सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना  ज्यादा मायने नही रखता यार !  यादों का भी साथ बहुत होता...