रविवार, 3 जनवरी 2021

जिसे दुआओं में माँगा

जिसे दुआओं में माँगा
वो मिला नही 
खैर , छोड़ो , अब कोई गीला नही !

एक रास्ते पर वो चले थे 
दूसरे पे हम 
दरअसल, वो रास्ता ही कही मिला नही।

- रवीन्द्र भारद्वाज

सोचता हूँ..

सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो  बहार होती बेरुत भी  सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना  ज्यादा मायने नही रखता यार !  यादों का भी साथ बहुत होता...