तुम रूठे
मेरा जग रूठ गया
मेरी दुनिया मे दरअसल,
बहुत कम लोग है
इसलिए
अपने आप मे, मैं टूट गया
हमारे प्यार की पतंग
अनन्त आसमान में
निर्रथक ही
गुम हो गई है
अब
- रवीन्द्र भारद्वाज
प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.
सोचता हूँ.. तुम होते यहाँ तो बहार होती बेरुत भी सोचता हूँ.. तुम्हारा होना , न होना ज्यादा मायने नही रखता यार ! यादों का भी साथ बहुत होता...
बहुत अच्छा लिखते हैं आप |
जवाब देंहटाएंसह्दय आभार आपका 🙏
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