राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

मुझे लेकर

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तेरे जज्बातों के साये में काटनी थी  ताउम्र पर एक उम्र के बाद  तेरे ख्यालात बदल गए  मुझे लेकर मुझे लेकर  जिस तीव्र गति से...
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सोमवार, 25 नवंबर 2019

महज नाम की मोहब्बत

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निगाहों में  तुम्हारी सूरत रही और बाहो में मेरी जरूरत हम घर से निकले तो थे  बहुत दूर पर  नजदीकियों में समेट लिया तुमने मुझ...
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मंगलवार, 5 नवंबर 2019

एक नाव और एक नदी

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एक नॉव थी  एक नदी थी  दोनों का रिश्ता आत्मीय था अचानक से एक तूफान आया  और नॉव डूब गई  नदी खुदको माफ नही करती  क्योंकि ...
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रविवार, 20 अक्टूबर 2019

नदियाँ सबकी होती है

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  एक नदी जो मेरे लिए ही बहती थी निर्वाण के रास्ते पर चल दी है  जबकि नदियाँ सबकी होती है  और किसीकी भी नही होती है  उसका मे...
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मेरे हाथ मे तेरा हाथ था

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मेरे हाथ मे तेरा हाथ था फिर अचानक से क्यों छुड़ा लिया हाथ तुमने तुम क्यों बदलने लगी  हद से ज्यादा मैं पर्वत से कूदा था एकमा...
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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2019

तुम्हें पा लेते तो क्या होता !

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तुम्हें पा लेते तो क्या होता ! शायद खोना पड़ता  तुम्हें एकदिन तुम्हें नही पा सके तो  क्या हुआ ! कम से कम  खोने की नौबत तो...
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तुम्हे मतलब नही

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तुम्हे मतलब नही  किसीभी चीज से  मैं जीऊ या मरू इस बात से भी नही  खैर, इतना निर्दयी कसाई भी नही हुआ है  मेरे चौक का  जितना तु...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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