राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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मंगलवार, 30 जुलाई 2019

जाते वक्त

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उसने मुड़कर देखना भी उचित ना समझा  जाते वक्त  और ना ही समझाके गया कि  ये प्यार नही कुछ और है  पागलपन जैसा  फिर  वो जो सर ...
गुरुवार, 25 जुलाई 2019

नही भागना मुझे !

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चलो भाग चलते है कही.. बहुत घुट-घुटकर जिया हमने  बहुत खयाल रख लिया  अपनो का भी  लोगो का भी  लोग कह रहे है - जमाना बदल र...
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बुधवार, 24 जुलाई 2019

दिल खोलकर हँसता हूँ कि

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दिल खोलकर हँसता हूँ  कि सब गम चिड़ियों के झुंड की तरह उड़ जाये  लेकिन एक-दो ऐसी भी चिड़िया है  जो जँगले पे  मेरे दिल के  घर बना...
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सोमवार, 22 जुलाई 2019

अहसास

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अहसास को जब बुनना शुरू किया  तब नही मालूम था  कि एकदिन यह प्यार का चादर हो जायेगा  जिसे ओढ़कर सारी उम्र काटनी होगी  और उसे  ...
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बुधवार, 17 जुलाई 2019

एक रात बरसात की

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एक रात थी  बरसात की चन्द लम्हों का सफर था वो  हमने तय किया उस सफर को  सदियों से लम्बा हथेलियां एक-दूसरे से गले मिली थी  ...
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रविवार, 14 जुलाई 2019

तू जो लौटा होता

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तू जो लौटा होता  पाया होता बदला हुआ मुझे जबकि बदलाव मुझमे न था  -तुम कहती थी तुम्हारे साथ रहते नही बदला  रत्तीभर लेकिन...
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गुरुवार, 11 जुलाई 2019

बारिश में भीगने से डरते है लोग

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जिंदा है हम मगर जिंदादिली से नही जीते है जिंदगी गाँव मे सूखा पड़ता है शहर फिरभी हरा रहता है हम इन्द्र की पूजा-उपासना करते है ...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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