राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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मंगलवार, 30 अप्रैल 2019

हमे मुद्दत हुआ एक-दुसरे को देखे

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माना  हमे मुद्दत हुआ  एक-दुसरे को देखे  हमारी शक्लें बदली होंगी  हमारा हावभाव और व्यवहार  बहुत तक बदल ही गया है  क्या मि...
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सोमवार, 29 अप्रैल 2019

वो प्यार के शुरुआती दिन थे

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कभी बादलो पर पैर रखकर घूम आये थे  पूरा आकाश  दरअसल, वो प्यार के शुरुआती दिन थे  कभी कड़वी यादें  मीठी बेर सी लगी  वो सबकुछ भू...
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रविवार, 28 अप्रैल 2019

दर्द भरा सफ़र

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वो मेरे बिन अकेली होगी  मैं उसके बिन अकेला हो गया हूँ न  हमे चाँद पर जाना था मगर  इससे पहले कि हम आसमान में चढ़ते  हमारे नीचे...
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शुक्रवार, 26 अप्रैल 2019

बाबा तुम भूल गये क्या !

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बाबा तुम भूल गये क्या ! बिटियाँ का देश  नही भूले होंगे सुबह-शाम पान चबाना  मूछें ऐठकर अम्मा-भैया पर रौब जमाना  घर से निकलने ...
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बुधवार, 24 अप्रैल 2019

एक तुम्ही थी

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तुमसे दूर होने के बाद  सदा  ये एहसास रहा  एक तुम्ही थी जो मुझे अच्छे से समझती थी  जानती थी हर वो बातें  जो हरकिसीसे छिपाए रख...
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सोमवार, 22 अप्रैल 2019

हमे तो अबभी वो गुजरा जमाना याद आता है

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तुम्हें जान कहते थे हम अपनी मगर तुमने बेजान मुझे इस कदर किया कि तुम्हारी नजरों में प्यार का आशियाँ बनाकर  भी  बेघर हूँ  सा...
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रविवार, 21 अप्रैल 2019

आदमी अकेले जीना नही चाहता

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आदमी अकेले आता है  और अकेले जाता है  लेकिन अकेले जीना नही चाहता  ना जाने क्यों ! वह मकड़ी का जाल बुनता है रिश्तों का  और खु...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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