बाबा तुम भूल गये क्या !
बिटियाँ का देश
नही भूले होंगे सुबह-शाम पान चबाना
मूछें ऐठकर अम्मा-भैया पर रौब जमाना
घर से निकलने से पहले नही भूलते होंगे
भगवान को फूल चढ़ाना
फूल भी अड़हुल के तोड़ लाते होंगे
मुँह अँधेरे
तड़के में टहलने से लौटते
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज
बहुत सुंदर रचना 👌
जवाब देंहटाएंआभार जी आपका
हटाएं🙏🙏🙏