राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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गुरुवार, 28 फ़रवरी 2019

जबसे मैं तुमसे बिछड़ गया

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तुम बिल्कुल नही बदली  वही ढंग मुस्कुराने का  वही संगदिली रखती हो तुम अबभी  अबभी परायेपन का आग नही सुलगा  तुम्हारे अंदर  जानत...
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बुधवार, 27 फ़रवरी 2019

विसर्जित कर आया मैं

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विसर्जित कर आया मैं  तेरा दिया सबकुछ  लाखो बार  देखने पर  देख लिया करते थे  बेमन ही  एक-दो बार  वो नजर  तुम्हें पा...
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मंगलवार, 26 फ़रवरी 2019

जो होना होता हैं

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जो होना होता हैं वो कैसे भी होता हैं और जो नहीं होना होता हैं वो कैसे भी नही होता हैं लेकिन जो करना होता हैं कर लेना च...
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सोमवार, 25 फ़रवरी 2019

मुस्कुराता रहूँगा

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रास्तें याद रहेंगे  बातें इन्ही वादी में गूंजेंगी  मुस्कान ख़ुशबू की तरह  बिखरी पड़ी  मिलेंगी  तुम्हारी  इतनी खुबसुरत हो...
रविवार, 24 फ़रवरी 2019

मैं बिखरता ही रहा

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जीते जी मुझे कितना कष्ट झेलना पड़ा सिर्फ तुम्हारे वजह से खाब एहसास याद का मानदंड काम न आया और मैं बिखरता  ही रहा कव...
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शनिवार, 23 फ़रवरी 2019

वक्त की की शरारत हैं ये

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जिन्हें मुझसे मिलना था  वो गैरों से मिल गये  जिनसे हमें मिलना था  वो कबका हमें भूल गयें  वक्त-वक्त की बात हैं ये  आखिर व...
11 टिप्‍पणियां:
शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2019

वो करार नहीं

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इन वादियों और फिजाओं में  वो करार नहीं  जो मिलता था  हमसे गले  वर्षो पहले  पंछी से  बेगाने हो गये तुम  नदी सी  पवि...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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