गुरुवार, 28 फ़रवरी 2019

जबसे मैं तुमसे बिछड़ गया

तुम बिल्कुल नही बदली 
वही ढंग मुस्कुराने का 
वही संगदिली रखती हो तुम अबभी 

अबभी परायेपन का आग नही सुलगा 
तुम्हारे अंदर 
जानता हूँ 
तुम्हारे साथ क्या कुछ नही गुजरी हैं 

अबभी तबियत खराब रहती होंगी न तुम्हारी 
फिरभी जिन्दगी को खुलकर जीती हो 
इतनी कि किसीको भनक तक न लगे 
कि तुम्हें कितना दर्द होता हैं 
जबसे मैं तुमसे बिछड़ गया 

रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज

6 टिप्‍पणियां: