राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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रविवार, 3 जनवरी 2021

जिसे दुआओं में माँगा

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जिसे दुआओं में माँगा वो मिला नही  खैर , छोड़ो , अब कोई गीला नही ! एक रास्ते पर वो चले थे  दूसरे पे हम  दरअसल, वो रास्ता ही कही मिला नही। - रव...
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बुधवार, 16 दिसंबर 2020

मुझे खुदपर तरस आता है

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मुझसे पूछो  कैसा हूँ  गैर तो गैर ठहरे  उन्हें क्यों बताऊ अपनी हालत  मुझे खुदपर तरस आता है कभी-कभी कि मैं खिंचा ही क्यों गया  अवचेतन होकर तुम...
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गुरुवार, 3 दिसंबर 2020

मान लो !

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 मान लो  दो आदमी और एक औरत थी  दोनो आदमी  उसी एक औरत पर आकर्षित थे  आकर्षण के विषय में जितना मुझे ज्ञान है  बताता हूँ - कुशलता और काबिलियत क...
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सोमवार, 30 नवंबर 2020

वो और बात थी

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वो और बात थी जब तुम थी यहाँपर यहाँ पर  हरियाली थी धूप था और मन्द-मन्द बहता पवन था कसमे थी  वादे थे  और ना थकने वाला इरादा था तुमको लेकर यहाँ...
शुक्रवार, 13 नवंबर 2020

यह नफरत है !

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वो प्यार था जिसके लिए  हम मरते थे  यह नफरत है जिसके लिए हम जीते है ~ रवीन्द्र भारद्वाज  
शुक्रवार, 14 अगस्त 2020

शाम ढले

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शाम ढले  एक दिया जलता है  उस दिए को  देखकर एक उम्मीद जगती है  उस दिए की लौह की तरह ही मेरी प्रीत भी जलती होगी  कहीं पर ~ 🖋️ रवीन्द्र भारद्व...
रविवार, 24 मई 2020

तुम जो नही कहते

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जो तुम नही कहते  वही सुनता रहता हूँ  एक घायल ह्दय लेकर  तुमको ढूढ़ता फिरता हूँ  माना कि ये मर्ज लाइलाज है  मगर मयखाने लौटकर...
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रवीन्द्र भारद्वाज
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