प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.
शाम ढले एक दिया जलता है उस दिए को देखकरएक उम्मीद जगती है उस दिए की लौह की तरह हीमेरी प्रीत भी जलती होगी कहीं पर~ 🖋️ रवीन्द्र भारद्वाज
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