मंगलवार, 25 जून 2019

मिलना नही हुआ सदियो तलक

कहाँ तुम थी 
कहाँ मै था कि
मिलना नही हुआ सदियो तलक 

जबकि एक जैसे हालातो से 
हम कितनी ही बार टकराये
चकराये 

मगर आस बधाने भी नही आयी तुम 
हवा के एक झोंका के तरह भी

कविता - रवीन्द्र भारद्वाज

चित्र - सोमनाथ सेन 

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