वो जो बातें थी
बेतरतीब सी
उनका कोई न कोई मकसद तो जरूर होगा
कहने और सुनने का
तुम यू ही नही रहना चाहते थे करीब मेरे
कोई न कोई रिश्ता तो जरुर बनाना चाहते होंगे
है ना
यार ! मैने पूछा भी नही कभी तुमसे
(कौन सा रिश्ता)
और तुमने भी नही कहा कभी कुछ
कविता - रवीन्द्र भारद्वाज
चित्र - गूगल से साभार
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