बुधवार, 12 जून 2019

कुछ कदम और

रूह को रूह से मिलने दो 

अभी कुछ कदम और चलना है बाकी 
चलने दो 

वहाँ से हम-तुम एक हो जायेंगे

और सारी दुनिया अकेली

रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज



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