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Art by Ravindra Bhardvaj |
तू जो गया
मुझे छोड़कर
तन्हा
क्या
तुझको तरस न आया
कभी
मेरे हाल पर
मैंने तोड़ लिए थे
रिश्ते-नाते
सबसे
बहुत पहले ही
तुझसे फ़कत रिश्ता बनाने के लिए
मुझे उलझनों में छोड़कर
अवसाद में ढकेलकर
गया तू
मैं
और मेरा अकेलापन
किस काम आया
बोलो न
तुम्हारे किस काम आया !
- रवीन्द्र भारद्वाज
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