शुक्रवार, 19 अक्टूबर 2018

तुम नही बताओगी !


दिल से 
दुआ निकलती है 
तुम्हारे लिए 

होठो पे 
शब्द ठहरते है 
बस प्यार के 

तुम नही समझोगी 
मै क्या चाहता हू..

तुम नही बताओगी 
कि तुम क्या चाहती हो..
रेखाचित्र व कविता - रवीन्द्र भारद्वाज 

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