प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.
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गुरुवार, 27 सितंबर 2018
रविवार, 23 सितंबर 2018
शुक्रवार, 14 सितंबर 2018
बुधवार, 12 सितंबर 2018
सोमवार, 10 सितंबर 2018
रविवार, 9 सितंबर 2018
तो..?
Art by Ravindra Bhardvaj |
1.
तु जब मिला
हवा का एक झोंका ऊठा था
दिल के अंदर
आसमान को छू देनेवाली एक लहर ऊठी थी
उसी दिल के समंदर से
तु बेबाक थी तब
मेरी किसीभी बात को बुरा नही मानती थी
तब, मुझपे हक जतलाती थी
मेरे साथ होने मे गौरवान्वित महसुस करती थी।
2.
मै संकोची बना फिरता था उसवक्त
क्योकि भय और डर का अंधेरा हर तरफ से
घेरता जा रहा था मुझे
तुम्हारे चले जाने के बाद
मेरा क्या होगा
क्या मै जी पाउंगा वैसे जैसे जी रहा था..
3.
अच्छा चलो तुम्ही बताओ
तुम क्या कहती
जब मै कहता ये सब..
तुम थोड़ी दुखी हो जाती
और कहती- मै नही जाऊंगी कभी
तुमको छोडकर..
4.
लेकिन अभी तुम चली गई हो
बिना कुछ कहे..
..सो तो ठिक है..
पर कहके जाती- मै नही जाऊंगी
तुमको छोडकर..
तो..?
कविता व रेखाचित्र - रवीन्द्र भारद्वाज
शनिवार, 8 सितंबर 2018
गुरुवार, 6 सितंबर 2018
''Out of Service"
Art By Ravindra Bhardvaj |
Yesterday
I called her
'Out of service'
Found, her number
A lot of griefs are
In my heart
Why did she go alone..
When we met
We were couple
But just single...
How it would happened
I am shocked now
But not troubled,
Sketch and Poetry--Ravindra Bhardvaj