राग

प्रेम अनुभूति का विषय है..इसीलिए इसकी अभिव्यक्ति की जरूरत सबको महसूस होती है.. अतः,अपनी मौलिक कविताओं व रेखाचित्रो के माध्यम से, इसे अभिव्यक्त करने की कोशिश कर रहा हू मैं यहाँ.

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रविवार, 29 अगस्त 2021

तुम मेरे हो...

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तुमसे गुफ़्तगू करके लगता है  मैं जन्नत में हूँ  बरसो की माँगी दुआ  जैसे  आज ही  मेरे कदमों में हो। तुम खुशबू की तरह आती हो  मेरे फेफड़े में  औ...
गुरुवार, 26 अगस्त 2021

एक समझौता

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  चलो  खुदसे एक समझौता करते है मुझे नींद आ जाये  कुछ ऐसा करते है  जो कुछ मुझे सताता है तुम्हें नही  उससे तौबा करते है ! गली, नुक्क्ड़ पर   बा...
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शनिवार, 21 अगस्त 2021

तेरे मेरे प्रेम की धरातल

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तेरे मेरे प्रेम की धरातल ऊबड़-खाबड़ है बड़ी  चलना  इसपर दुर्गम जान पड़ता है एक पर्वतारोही की तरह  सदियों के सफर के बाद भी  आराम नही मिला है अभीत...
शनिवार, 14 अगस्त 2021

घर, प्रेम और तुम

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तुम्हारे प्रेम के बूते  मेरा घर खड़ा  हुआ है तुम्हारे संस्कार से  सजा है  कमरे मे  हर चीज करीने से। तुम जबतक नही आयी थी  जंगल की तन्हाई एवं ए...
गुरुवार, 12 अगस्त 2021

मुझे तुमसे कुछ कहना है..

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मुझे तुमसे कुछ कहना है .. रात के तन्हाई में  या फिर साँझ के अंगड़ाई लेते समय  उठते-गिरते लहरों से  बातें है  मन व मस्तिष्क में। कि.. मैंने तु...
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रविवार, 8 अगस्त 2021

एक अरसा बाद

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तुम आये तो  लगा  सावन की पहली बौछार आयी है  ! बहकी-बहकी फ़िजा  संग अपने  लायी हो  एक अरसा बाद  मैं हँसा था .. अरसा बाद  तुम्हें मेरे पास आता ...
गुरुवार, 5 अगस्त 2021

न जाना दूर कभी

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अब जो आये हो  इतने करीब न जाना दूर कभी। कभी हमसे अलग होने का ख्याल न लाना  दिल में। क्योंकि इश्क़ होने में  मुद्दत लगता है  और बिछड़ने में  घड़...
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रवीन्द्र भारद्वाज
काव्य-सृजन, चित्रांकन, अध्यापन
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