गुरुवार, 5 अगस्त 2021

न जाना दूर कभी

अब जो आये हो 
इतने करीब
न जाना दूर
कभी।

कभी
हमसे अलग होने का ख्याल
न लाना 
दिल में।

क्योंकि
इश्क़ होने में 
मुद्दत लगता है 
और बिछड़ने में 
घड़ी भर का समय।

~ रवीन्द्र भारद्वाज

5 टिप्‍पणियां:

  1. क्योंकि
    इश्क़ होने में
    मुद्दत लगता है
    और बिछड़ने में
    घड़ी भर का समय।
    मिलने के बाद बिछड़ना नियति है पर बहुत डराता है प्रेमियों को ये पड़ाव।

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  2. पर बहुत डरता है प्रेमियों को ये पड़ाव
    छीन लेता है सब कुछ ये
    मन का चैन सुकूँ
    भूख और प्यास
    आंखों से नींद,
    नींदों से ख्याब,
    घुट घुट के जीने को बेबस कर देता है
    प्रेमियों को ये पड़ाव

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  3. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 06 अगस्त 2021 शाम 5.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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